आगरा में 1 से 30 सितम्बर तक ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ विशेष अभियान
बिना हेलमेट वाहन चालक को पेट्रोल नहीं मिलेगा, प्रशासन ने कड़े निर्देश जारी किए
आगरा| जिले में सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। 1 सितम्बर से 30 सितम्बर तक ‘नो हेलमेट-नो फ्यूल’ का विशेष अभियान लागू किया जाएगा। यह अभियान सड़क पर सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।सड़क सुरक्षा समिति की मीटिंग में मौजूद डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी
शनिवार को कलक्ट्रेट में डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की मीटिंग में ये फैसला लिया गया। मीटिंग में रोड एक्सीडेंट का मुख्य कारण ओवरस्पीडिंग, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग, गलत दिशा में वाहन चलाना, बिना सीटबेल्ट और बिना हेलमेट वाहन चलाना हैं। आंकड़ों से पता चला है कि हेलमेट पहनने वाले चालक दुर्घटना होने पर गंभीर चोट या मृत्यु की संभावना कम होती है।इस अभियान के दौरान सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि बिना हेलमेट वाहन चालकों को पेट्रोल न दिया जाए। किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके साथ ही अभियान की प्रभावी मॉनीटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। बड़ा सवाल ये है कि इतनी कवायद के बाद भी पिछले एक वर्ष सड़क हादसों में 39 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जो चिंता का विषय हैसड़क सु़रक्षा समिति की मीटिंग में डीएम ने पेट्रोल पंप स्वामियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
एक वर्ष में 39 प्रतिशत बढ़े हादसे
एक वर्ष में रोड सेफ्टी की मीटिंग में अफसरों की तमाम कवायद के बाद भी हादसो में कमी नहीं आयी है। एक वर्ष में गत वर्ष की अपेक्षा हादसों बजाय कमी आने के इजाफा हुआ है। जनवरी 2024 से जुलाई 2024 तक मात्र सात महीनों में सड़क हादसों में 323 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। जनवरी 2025 से जुलाई 2025 तक 449 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है. इस प्रकार देखा जाए तो एक वर्ष में 39 प्रतिशत सड़क हादसों में इजाफा हुआ है। चिंता का विषय ये है कि सड़क हादसों को रोकने के लिए सारी कवायद नेशनल हाईवे, और एक्सप्रेस-वे तक ही सीमित रहती है। जबकि हादसे अंदर की सड़कों पर ज्यादा हो रहे हैं. उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं है। जिले की अन्य छोटी ग्रामीण सड़कों व लिंक रोड पर 224 हादसे हुए हैं आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं।डेवलेपमेंट एंड इंप्लीमेंटेशन ऑफ इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस(आईआरएडी) के अनुसार जिले में जुलाई में 78 एक्सीडेंट की घटनाएं दर्ज की गई।
![]() |
अधीनस्थों के साथ मीटिंग में सड़क हादसे रोकने के उपायों पर चर्चा करते डीएम अरविंद मल्ल्प्पा बंगारी |
हेलमेट क्यों जरूरी है
- हेलमेट सिर पर चोट लगने से बचाता है।
- दुर्घटना में गंभीर चोट या मृत्यु का जोखिम कम करता है।
- सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना हर चालक की जिम्मेदारी है।
- अभियान के तहत पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।
15 दिन में हटाएं अतिक्रमण, नहीं होगी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने शहर के मार्गों पर गड्ढा मुक्ति अभियान को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं। बरसात के मौसम के बाद सभी गड्ढों को तुरंत भरने और पूर्ण सड़क निर्माण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को दी गई है।ग्वालियर रोड और एनएच-19 पर नालों के ऊपर अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाने के लिए 15 दिन के नोटिस जारी किए गए हैं। यदि नोटिस का पालन नहीं हुआ तो पक्के निर्माण तोड़कर अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।एमजी रोड पर मैट्रो निर्माण कार्य के कारण मार्ग संकरा है और कुछ पेट्रोल पंपों द्वारा गलत दिशा से आने वाले वाहनों को पेट्रोल दिया जा रहा है। इस पर भी नोटिस देने और प्रभावी रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।रॉन्ग साइड चलने पर करें कार्रवाई
- जनवरी 2024 से जुलाई 2024 तक मृतक संख्या: 323
- जनवरी 2025 से जुलाई 2025 तक मृतक संख्या: 449
- वृद्धि दर: 39%
कहां कितने हादसे
रोड़ मृतक संख्या
एक्सप्रेस-वे 21 -हाई-स्पीड एक्सप्रेस रोड, लंबी दूरी के वाहन मार्ग
नेशनल हाईवे 108-राष्ट्रीय स्तर के मुख्य मार्ग, शहर और राज्यों को जोड़ते हैं
स्टेट हाईवे 26-राज्य के भीतर प्रमुख मार्ग, जिले और शहरों को जोड़ते हैं
एमडीआर 44-Major District Roads – मुख्य जिला मार्ग
ओडीआर 224-Other District Roads – जिले की अन्य सड़कें, छोटे और ग्रामीण मार्ग
वीआर 26-Village Roads – ग्रामीण सड़कें
सड़क सुरक्षा विधेयक मसौदा में इस बात पर जोर दिया गया था कि तकनीकी जांच के बाद ही वाहन को सड़क पर चलाने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए. हालांकि आरटीओ ऑफिस द्वारा वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है उसमें जांच के नाम पर औपचारिकता की रश्म अदायगी भर की जाती है. इसमें तकरीबन 24 बिन्दुओं पर जांच होनी चाहिए, लेकिन हकीकत में जांच नहीं होती है.
- स्टेयरिंग
-सिस्टम की दशा
- कूलिंग सिस्टम
- गेयर बॉक्स
-फुट ब्रेक
- हैंड ब्रेक -
- क्लच की दशा
- हैड लाइट
- इन्डीकेटर
-बैक लाइट
-बैट्री की स्थिति
- हॉर्न की स्थिति
- ड्राइवर मिरर
- टायरों की स्थिति
-सस्पेशन की स्थिति
गोल्डेन आवर में मदद करने वालों को इनाम
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह घोषणा की है कि अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना में घायल लोगों को गोल्डेन आवर में अस्पताल पहुंचाता है और मदद करता है, तो उसे ₹25,000 का इनाम मिलेगा। इस दौरान मदद करने वाले शख्स की पहचान गुप्त रखी जाएगी।पुलिस द्वारा किसी तरह की अनावश्यक पूछताछ नहीं की जाएगी।
अभियान की मुख्य बातें
- पेट्रोल पंप संचालकों को कड़े निर्देश।
- बिना हेलमेट वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।
- शहर में गड्ढा मुक्ति अभियान तेज।
- अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान।
- एमजी रोड पर गलत दिशा से आने वाले वाहनों पर रोक।
- सड़क हादसों में 39% वृद्धि, 449 मृतक जनवरी-जुलाई 2025 तक।
सड़क सुरक्षा केवल नियम नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा का सवाल है। हेलमेट पहनना, सीटबेल्ट का उपयोग करना और वाहन चलाते समय मोबाइल न इस्तेमाल करना हमारी जान बचा सकता है। प्रशासन ने इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए हैं, और अब जिम्मेदारी हमारी है कि हम नियमों का पालन करें और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करें।
मीटिंग में ये रहे मौजूद
बैठक में उपस्थित अधिकारी एआरटीओ प्रवर्तन आलोक अग्रवाल और ललित कुमार, आरएम रोडवेज बीपी अग्रवाल, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी राघवेन्द्र सिंह वर्मा, बीएसए जितेन्द्र कुमार गौड़, जिला आबकारी अधिकारी कृष्णपाल यादव, साथ ही एनएचएआई के अधिकारी और विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रधानाचार्य थे। सभी अधिकारियों को सड़क सुरक्षा और दुर्घटना रोकथाम के उपाय प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए।
#NoHelmetNoFuel#RoadSafety#HelmetSavesLives#TrafficAwareness#DriveSafe #AccidentPrevention#SafeDriving#ProtectYourHead#GoldenHourHelp#AgraRoadSafety